Thursday, 5 July 2018

नसीहत-31

जीस शकस को गुस्सा
जयादा आता हैं,वो शकस
     पयार भी उतना
 ही करता हैं और उतना  ही
 साफ दिल रखता हैं।

हजरत अली (र.अ)

नसीहत-30

खुशी इनशान को इतना
नही सिखाती जीतना
गम सीखाते है।

हजरत अली (र.अ)


नसीहत-29

हाल पूछ लेने से
 हाल थीक नही होजाता
बस ऐक टसलली सी हो जाती हे
के इस दुनिया की भीड मे
कोई अपना भी है।

नसीहत-28

नियत कितनी भी अच्छी
   हो दुनिया तुमको
    तुम्हारे दिखावे
    से जानती हे
और दिखावा कितना
 भी अच्छा हो
    अललाह
  तुमको तुम्हारी
नियत से जानता है।

नसीहत-27

अपनी जुबान तब हि
इसतेमाल किया करो जब
तुम्हारे अलफाज
तुम्हारी खामोशी  से
      बेहतर हो !


नसीहत -26

दिल मे बुराई  रखने से
        बेहतर हे
नाराजगी जाहिर कर दो।

हजरत अली( र.अ)

Nasihat -25

जब तुमहारी मुश्किलें
बढने लगे तो समजलो के
अललाह तुम्हें बहुत बडा
इनाम अता फरमाने वाला हे।

 हजरत अली,( र.अ)

Nasihat-24

इंसान का नुकसान माल ओर जान का
           चले जाना नहीं,
इंंसान का सबसे बडा नुकसान किसी
    की नजर से गिर जाना है।

JANNAT K 8 DARWAZAY HAIN

       JANNAT K 8 DARWAZAY HAIN 1.Jannatul mava 2.Darul maqam 3.Darul salam 4.Darul Khuld 5.Jannatul adan 6.Jannatul naim 7.Janna...